पानी पीने का सही तरीका | 21 दिन इस तरह पनी पियो | Gautam Buddha ki kahaniyan | Buddhist Story in Hindi | Gautam Buddha Story

 दोस्तों हम में से बहुत से लोग पानी को इतना साधारण समझते हैं कि हमें ऐसा लगता है कि जब हम चाहें जैसा चाहें और जितना चाहें उतनी मात्रा में पानी को पी सकते हैं लेकिन यह बिल्कुल गलत है क्योंकि पानी दिखने में जितना साधारण दिखता है यह उतना ही महत्त्वपूर्ण है यह हमारे शरीर में सभी अंगों को ठीक तरीके से काम करने के लिए शरीर में बनने वाले जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए होता है पेड़ से लेकर त्वचा तक और वजन बढ़ाने से लेकर वजन को घटाने तक पानी एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है इसीलिए पानी की सही मात्रा इसको पीने का सही तरीका इसको पीने का सही समय और पानी को किस तरह से पीने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं और क्या-क्या नुकसान आपको हो सकते हैं अगर इसके बारे में जानकारी ना हो तो व्यक्ति चाहे कितनी भी अच्छी-अच्छी चीजें क्यों ना खा ले उसका सही फायदा शरीर को नहीं मिल पाता है और जिसकी वजह से भविष्य में बहुत सारी प्रॉब्लम्स को फेस करना पड़ सकता है जैसे कि अपचन कब्ज गैस लीवर में दिक्कत कमजोरी थकान गुर्दे में पथी होना रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना बार-बार बीमार पड़ना स्किन एलर्जी दाग खुजली चेहरे पर पिंपल्स और दाग धब्बे का होना वाइट हेड्स ब्लैक हेड्स का होना स्किन का बहुत ज्यादा ऑयली या बहुत ज्यादा ड्राइनेस होना खाया पिया शरीर को ना लगना जोड़ों में दर्द होना शरीर की अनचाही जगह पर चर्बी का जमा होना सर दर्द और चक्कर आना वजन बढ़ाने और वजन को घटाने में दिक्कत महसूस होना बालों का झड़ना और रातों को नींद नहीं आना जैसी कहीं भयंकर बीमारियां सिर्फ पानी को गलत तरीके से पीने से आपको हो सकती है इसलिए आज इस वीडियो में हम जानेंगे कि हमारे लिए पानी इतना जरूरी क्यों है और इस का हमारे शरीर में क्या काम है और एक दिन में कम से कम और ज्यादा से ज्यादा कितनी मात्रा में पानी पिया जा सकता है और अगर शरीर में पानी की कमी हो जाए तो इसका किस तरह से पता लगाया जा सकता है एक बार में कितना गिलास पानी पीना चाहिए और किस तरह से पानी को पीना चाहिए पानी कब-कब पीना चाहिए और पानी कब-कब नहीं पीना चाहिए यानी पानी पीने का सही तरीका क्या है किस तरह का पानी पीना चाहिए जैसे ठंडा या फिर नॉर्मल या फिर गर्म और पानी वजन बढ़ाने और वजन को घटाने में किस तरह से मदद करता है इस सभी के बारे में आज हम इस कहानी में जानेंगे और समझने वाले हैं इसीलिए इस कहानी को बड़े ही ध्यानपूर्वक सुने एक बार एक गुरु जो आयुर्वेद के बहुत बड़े ज्ञाता थे एक गांव में उपदेश दे रहे थे वह लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में बता रहे थे उन्हें समझा रहे थे कि हमें अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए किन-किन नियमों का पालन करना चाहिए क्योंकि हमारी कुछ छोटी-छोटी सी गलतियां ही हमारे लिए बहुत बड़ी गंभीर बीमारियां पैदा कर देती है फिर वह गुरु सभी से कहते हैं जैसे कि आप लोग पानी को बहुत ही साधारण समझते हैं लेकिन अगर आप इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके शरीर में जानलेवा बीमारियां पैदा कर सकता है उन गुरु की ऐसी बातें सुनकर सभा में से एक युवक खड़ा होता है और बोला के गुरुदेव भला पानी पीने से ग र बीमारियां कैसे हो सकती है पानी तो जीवन का आधार है इसके बिना तो मनुष्य जीवित भी नहीं रह सकता उस युवक की बात सुनकर उस युवक से गुरुजी कहते हैं कि बेटा पानी पीने से कोई बीमार नहीं होता है लेकिन पानी को गलत तरीके से पीने से शरीर में बहुत सारी बीमारियां उत्पन्न हो सकती है और आपको इसका पता भी नहीं चलता है फिर वह गुरु सभी सभा को संबोधित करते हुए कहते हैं कि आज मैं आपको पानी से संबंधित छोटे-छोटे से नियम बताऊंगा जिन्हें अपनाकर आप जीवन भर स्वस्थ रहेंगे और आपको भविष्य में कभी कोई बीमारी नहीं होगी आप इन नियमों को 12 दिन अपनाकर देखना आपको अपने शरीर में चमत्कारिक परिवर्तन नजर आएंगे फिर वह गुरु सबसे कहते हैं कि हमारे शरीर के लिए पानी इतना जरूरी क्यों है देखो हमारे शरीर में 60 से 70 प्र पानी होता है और जो हमारे द्वारा पिए गए पानी का इस्तेमाल हमारे शरीर के अंग जैसे किडनी लीवर फेफड़े पाचन तंत्र और लगभग शरीर के सभी अंग करते हैं सभी को ठीक तरीके से काम करने के लिए और सबसे ज्यादा हमारे शरीर की कोशिकाओं को जिंदा रखने में पानी का बहुत बड़ा योगदान है फिर वह गुरु उन सभी को कहते हैं कि सबसे पहले अब हम यह जानते हैं कि दिन भर में कम से कम कितना पानी और कम से कम कितना ज्यादा पानी पिया जा सकता है और अगर आपके शरीर में पानी की कमी हो गई है तो उसका कैसे पता करें देखो शरीर में पानी की कमी होते ही पेशाब का जो रंग है वह पीला पड़ना शुरू हो जाता है पाचन शक्ति कमजोर होने लगती है चेहरे और शरीर की त्वचा धीरे-धीरे बेजान और ढीली पड़ने लगती है और शुरू में ही पानी पीने के सही तरीके पर ध्यान नहीं दिया जाए तो यह लक्षण भविष्य में गंभीर बीमारियों को न्योता देते हैं इसीलिए हर दिन एक निश्चित मात्रा में पानी का पीना बहुत जरूरी है देखो अब मैं आपको बताता हूं कि दिन भर में पानी कितना पीना चाहिए और पानी किस तरह का होना चाहिए यानी गर्म ठंडा या फिर नॉर्मल देखो उसके लिए हमें यह जानना होगा कि पानी में क्या-क्या होता है और यह कौन-कौन सी प्रॉब्लम में फायदा आपको पहुंचा सकता है दोस्तों पानी में जीरो कैलोरी होती है लेकिन इसके बावजूद यह हमारे शरीर को हाइड्रेट करके शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में हमारे शरीर की मदद करता ता है यह हमारी त्वचा को साफ करता है दिमाग की शक्ति को बढ़ाता है पाचन क्रिया को ठीक करता है आंखों की रोशनी हड्डियों की मजबूती और लगभग हमारे शरीर के सभी अंगों को ठीक तरीके से काम करने में बहुत मदद करता है इसीलिए हमारे लिए पानी इतना जरूरी होता है कि हम चाहे खाए बिना लंबे समय तक रह सकते हैं लेकिन पानी पिए बिना कुछ दिन जीवित रहना भी संभव नहीं है क्योंकि हमारे शरीर से पानी जो है वह पेशाब और सांस लेने की प्रक्रिया में लगभग 2 लीटर पानी हमारे शरीर से हर दिन बाहर निकलता है जिसे वापस रिस्टोर करना बहुत जरूरी होता है वैसे तो किसी भी व्यक्ति को दिन भर में कितना पानी पीना चाहिए यह उस व्यक्ति की सेहत पर और वह जहां रहता है वहां के वातावरण पर निर्भर करता है उस जगह का मौसम कैसा है उसका वजन क्या है और उसकी फिजिकली एक्टिविटी पर यह निर्भर करता है लेकिन एक सामान्य व्यक्ति को दिन भर में ढाई से 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए जो कि लगभग 8 से 12 गिलास होता है और गर्मी के मौसम में ज्यादा पसीना निकलता है इसीलिए पानी की थोड़ी मात्रा आप बढ़ा सकते हैं और जो लोग एक्सरसाइज करते हैं उन्हें भी आम लोगों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा पानी पीना चाहिए क्योंकि उनके शरीर में पानी की जो खफ है वह ज्यादा मात्रा में होती है फिर वह गुरु उन सभी से कहते हैं कि अब सवाल यह उठता है कि आप जरूरत से ज्यादा पानी पी लेते हैं तो उससे शरीर में क्या प्रॉब्लम होती है तो ध्यान से सुनो उसका जवाब है कि कोई भी चीज बहुत ज्यादा नुकसान देती है ज्यादा मात्रा में पानी पीने से हमारी किडनी का काम बढ़ जाता है और खून में सोडियम का लेवल कम होने के चांस बहुत ज्यादा होते हैं लेकिन ऐसा बहुत कम होता है क्योंकि अक्सर लोग उतना भी पानी नहीं पी पाते हैं जितना पानी उनको पीना चाहिए लेकिन नुकसान तो तब होता है जब कोई व्यक्ति पांच या 6 लीटर पानी पी जाता है देखो एक बार में कितना गिलास पानी पीना चाहिए और किस तरह का पानी आपको पीना चाहिए इसे ध्यान से सुनो सब लोगों को लगता है कि पानी को जब चाहे जैसे चाहे जितना चाहे पी सकते हैं लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है क्योंकि एक ही तरीके के पानी को अलग-अलग तरीके से पीने से शरीर पर अलग-अलग प्रकार के प्रभाव होते हैं इसीलिए पानी हमेशा बैठकर और धीरे-धीरे पीना चाहिए जैसे कि पानी को मुंह में रखकर चार से पा सेकंड के लिए उसे मुंह में इधर-उधर घुमाए और फिर निगले ऐसा करने से हमारे मुंह में मौजूद लार जो कि सार्य होती है वह पेट में जाकर पेट की अमलता को शांत करती है जिससे पाचन शक्ति को बढ़ाने में बहुत मदद मिलती है और जब आप खड़े होकर जल्दी-जल्दी पानी को पीते हैं तो उसे हमारी किडनी उसे ठीक से फिल्टर नहीं कर पाती है और जब जब हम मुंह से हटकर डायरेक्ट बोतल से पानी पीते हैं तो पानी के साथ-साथ बाहर मौजूद बहुत सारी गैस भी हमारे शरीर में प्रवेश कर जाती है जिससे कि भविष्य में जोड़ों का दर्द होने के चांस बहुत ज्यादा बढ़ता है इसीलिए पानी हमेशा बैठकर और धीरे-धीरे से चार पांच सांस में पीना चाहिए और एक बार में एक या डेढ़ गिलास पानी ही पीना चाहिए या जितनी प्यास हो उतना ही पानी आपको पीना है क्योंकि एक ही बार में बहुत ज्यादा पानी पीने से किडनी उसे ठीक तरीके से फिल्टर नहीं कर पाती है और पानी हमारे शरीर में इस्तेमाल हुए बिना ही पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है उसका हमारे शरीर में इस्तेमाल नहीं हो पाता है फिर गुरु उन सभी से कहते हैं कि अब आप लोग यह जानो कि पानी कैसा होना चाहिए गर्म ठंडा या नॉर्मल देखो कोई भी बहुत ज्यादा ठंडी चीज अगर हम खाते हैं या फिर पीते हैं तो हमारा शरीर पहले उसे गर्म करता है और फिर उसे काम में लेता है पानी के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है जब हम फ्रिज में रखा कोई ठंडा पानी पी लेते हैं तो हमारे पेट में वह पहले गर्म होता है और फिर काम में आता है जब तक इस प्रक्रिया में बहुत सारी एनर्जी वेस्ट हो जाती है और हमारे शरीर को भी इस पानी को इस्तेमाल में लाने के लिए तब तक इंतजार करना पड़ता है जब तक कि यह पानी जो है पेट में पड़ा पड़ा गर्म ना हो जाए और साथ ही साथ ठंडा पानी हमारे द्वारा खाए गए खाने को बहुत ही ज्यादा सख्त बना देता है जिससे कि पाचन क्रिया बहुत धीमी पड़ जाती है और कब्ज होने की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है इसीलिए पानी हमेशा नॉर्मल या हल्का गर्म पानी पीना चाहिए क्योंकि हल्के गर्म पानी को हमारा शरीर तुरंत काम में लेता है और हमारे द्वारा खाए गए खाने को तोड़ने में भी हल्का गर्म पानी जो है वह बहुत मदद करता है जिससे पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट भी खुलकर साफ होता है फिर गुरु उन सभी से कहते हैं कि अब आप आप लोग यह जाने कि पानी कब-कब पीना चाहिए और कब-कब नहीं पीना चाहिए देखो यह ऐसी बातें हैं जहां लोग अक्सर गलती बहुत करते हैं और बीमारी के शिकार भी हो जाते हैं पानी कब पीना चाहिए इससे ज्यादा यह जानना जरूरी है कि पानी कब नहीं पीना चाहिए इसीलिए पहले हम यह जानते हैं कि पानी कब नहीं पीना चाहिए फिर हम यह जानेंगे कि कब हमको पानी पीना चाहिए वैसे तो खाना खाने से पहले या फिर खाना खाने के बाद पानी प पीने में कोई बुराई नहीं है बल्कि खाना खाने से पहले एक या दो गुट पानी पीने से सूखा खाना भी गले से आसानी से उतरता है और हिचकी भी आपको नहीं आती है लेकिन एक या दो गुट कहने का मतलब है कि गला भीगने जितना पानी आपको पीना है लेकिन खाना खाने के दौरान पहले या बाद में गिलास भरकर या ज्यादा मात्रा में पानी आपको बिल्कुल पीना गलत है क्योंकि खाना खाने के तुरंत बाद पानी पी लेने से हमारे द्वारा द खाए गए खाने को यह बहुत पतला बना देता है जिससे हमारे पेट में पाचक रस जो है वह ठीक से नहीं निकल पाते हैं और पाचन क्रिया बहुत धीमी पड़ जाती है इसीलिए पानी हमेशा खाना खाने के 45 मिनट बाद या एक घंटे बाद ही आपको पीना है और खाना खाने के पहले भी आप एक घंटे पहले पेट भरकर पानी को पी सकते हैं फिर गुरु उन सभी से कहते हैं कि रात को सोने से पहले या अचानक नींद खुलने पर पानी पीकर सोना गलत है देखो दिन के समय पानी हमारे लिए जितना फायदेमंद है इस तरह से रात के समय ज्यादा पानी हमारे लिए उतना ही नुकसानदायक है क्योंकि सोते वक्त हमारा शरीर एक्टिव नहीं रहता है जिससे पानी हमारे शरीर में ठीक तरीके से इस्तेमाल हुए बिना ही किडनी में फिल्टर होने के लिए पहुंच जाता है जहां पर यह हमारी किडनी को बहुत नुकसान पहुंचाता है और नींद में उठकर बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत आपको पड़ सकती है जिससे के दोबारा नींद आने में बहुत मुश्किल का सामना आपको करना पड़ता है इसीलिए जितना हो सके दिन के समय में ही पानी की जरूरत को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि जल्दी-जल्दी पानी पीते रहने से पानी शरीर में इस्तेमाल हुए बिना ही पसाब के जरिए बाहर निकल जाता है और इससे जल्दी-जल्दी पेशाब आने की समस्या भी शुरू हो जाती है इसीलिए जब आपको लगे कि आपका पैसा पीला नहीं है बल्कि पानी की तरह बिल्कुल साफ है तो इसका मतलब है कि फिलहाल आपके शरीर में पानी की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है इसीलिए पेशाब करके आने के बाद पानी पीने के लिए कम से कम 15 से 20 मिनट रुके ताकि हमारी किडनी को रेस्ट लेने के लिए थोड़ा मौका मिल सके नहीं तो जल्दी-जल्दी पानी पीते रहने से बार-बार पेशाब आने और पेशाब को ठीक तरीके से रोक ना पाने की समस्याएं आपको हो सकती है फिर गुरु उनसे कहते हैं कि फल खाने के बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए देखो फल और ऐसी सब्जी जैसे खीरे टमाटर जैसी चीजों को अगर आप कच्चा खाते हैं तो उसके तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए और उसी तरह केला तरबूज अनार संतरा अंगूर चेरी और दूसरे फल खाने के बाद तुरंत पानी बिल्कुल नहीं पीना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से खाई हुई चीज बहुत सख्त हो जाती है जिससे पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है और कुछ लोगों को सर्दी जुकाम भी हो जाता है साथ ही साथ ज्यादा गर्म चीजें जैसे कि चाय कॉफी और सूप जैसी चीजों को पीने के बाद भी आपको बिल्कुल पानी नहीं पीना चाहिए क्योंकि गर्म चीजों को पीने के बाद पानी पीने से दांत और मसूड़ों को बहुत नुकसान होता है फिर गुरु उन सभी से कहते हैं कि अब हम बात करते हैं कि कब-कब पानी पीना चाहिए पानी पीने का सही समय क्या है देखो जिस तरह हम खाना खाने से पहले प्लेट को धोकर साफ करते हैं फिर उसमें खाना खाते हैं इसी तरीके से हमें हर सुबह कुछ भी खाने और पीने से पहले अपने पेट की सफाई जरूर करनी चाहिए जिसके लिए पानी से बेहतर और कुछ भी नहीं हो सकता है सुबह खाली पेट पानी पीने से रात को सोते समय पेट में बनने वाली जहरीले पदार्थों की काफी हद तक सफाई हो जाती है लेकिन जो लोग खाली पेट पानी पिए बिना ही कुछ भी खाते पीते हैं तो वह बिल्कुल ऐसा ही हो जाता है जैसे कि झूठी प्लेट को बिना साफ किए ही उसमें खाना खा लेना इसीलिए एक से दो गिलास पानी सुबह खाली पेट अवश्य पिएं एक एक घंटे के अंतराल में आपको पानी पीते रहना चाहिए खाना खाने के एक घंटे बाद आपको पानी पीना है और खाना खाने से एक घंटे पहले भी आपको पानी पीना है उसी तरह रात के समय पानी कम मात्रा में आपको पीना है और रात का खाना खाने के बाद पानी पीने की जगह दो घंटे बाद एक गिलास दूध का सेवन आपको करना है क्योंकि इसमें मौजूद प्रोटीन पूरी रात शरीर में धीरे-धीरे एनर्जी प्रदान करते हैं और इसमें मौजूद अमीनो एसिड दिमाग को शांत करके अच्छी नींद लाने में आपकी बहुत मदद करते हैं और अगर आप दिन में भी पानी पिए तो दो बार पानी पीने के बीच लगभग एक घंटे का अंतराल रखें ताकि पूरे दिन में ढाई से तीन लीटर पानी पिया जा सके और अगर आप धूप में जाकर आते हैं या फिर दौड़ लगाकर आते हैं या फिर एक्सरसाइज करते हैं तो उस दौरान एक बार में गिलास भरकर पानी कभी नहीं पीना चाहिए क्योंकि उस वक्त हमारे शरीर का ताप मान बढा रहता है इसीलिए उस वक्त ज्यादा पानी पीने से हमारे शरीर को फायदे की जगह नुकसान हो सकता है और एक्सरसाइज में भी आपको परेशानी हो सकती है इसीलिए एक्सरसाइज के दौरान एक बार में एक चौथाई गिलास या फिर दो या तीन घटक पानी ही आपको पीना है और जब भी आपको प्यास लगे तो फिर से आप एक चौथाई पानी या दो से तीन घूंट पानी ही आपको पीना है एक्सरसाइज खत्म होने के बाद आप एक घंटे के बाद एक गिलास पानी भरकर पी सकते हैं लेकिन एक्सरसाइज के दौरान आपको थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीना चाहिए इस तरह से पानी पीने से हमारे शरीर में जितनी भी समस्याएं हैं वह काफी हद तक ठीक हो जाती है और साथ ही साथ हमारा पाचन तंत्र भी ठीक रहता है इससे हमें वजन बढ़ाने और वजन को घटाने में काफी मदद मिलती है क्योंकि जब तक कि किसी व्यक्ति का पाचन तंत्र ठीक नहीं हो जाता वजन का बढ़ाना या फिर घटाना संभव नहीं है पानी पीने के इस तरीके को 12 दिन अपनाने से ही आपकी सेहत पर आपको बहुत अच्छे प्रभाव देखने को मिलेंगे तो दोस्तो बढ़ते है अगली कहानी की तरफ

एक नगर में एक बूंद भिक्षु रहा करते द वह बोल भिक्षु  बड़े ही आयुर्वेदिक द एक दिन वो अपने सभी शिष्यों को   उपदेश दे रहे द उन्हें स्वास्थ्य के बारे में बता  रहे द तभी उन शिष्यों में से एक शिष्य उठा और पानी   पीने के लिए चला गया जब वो भिक्षु ने उसे देखा की  वो गलत तरीके से पानी पी रहा था तो बोल भिक्षु ने   उसे अपने पास बुलाया और कहा की वक्त तुम यह पानी  कैसे पी रहे हो तुम्हें पता है ऐसे पानी पीने से   क्या हो सकता है अपने गुरु की यह बात सुनकर वह इससे  बड़ा हैरान हुआ और उसने गुरु से कहा की गुरुदेव मैं   पानी ही तो पी रहा था अब इसमें कौन सी बड़ी बात है  इसमें भी भला कोई नियम है और मैं पानी से तरीके से   तो पी रहा था जिससे की बात सुनकर बहुत भिक्षु बोले  तुम जिस तरीके से पानी पी रहे द वह तरीका गलत है   क्या तुम्हें पता नहीं की गलत तरीके से पानी पीने  से हमारा स्वास्थ्य खराब हो सकता है हमारे शरीर   में बहुत सारी बीमारियां हो सकती है गुरु की यह बात  सुनकर सभी शिष्यों ने गुरु से पूछा की गुरुदेव तो   आप हमें यह बताइए की कौन सा तरीका गलत है और कौन सा  तरीका सही है और हमें किस तरीके से पानी पीना चाहिए   और कितना पानी पीना चाहिए और हमें किस-किस समय पानी  पीना चाहिए और किस-किस समय पानी नहीं पीना चाहिए   हमें कैसा पानी पीना चाहिए और हमें कैसा पानी नहीं  पीना चाहिए शिशु की इतने सारे प्रश्न सुनकर बहुत   भिक्षु ने उनसे कहा अच्छा तो मेरी बात ध्यान से  सुनो मैं तुम्हें आज पानी पीने के नियमों के बारे   में विस्तार से बताता हूं जब हमारा जन्म होता है  तो हमारा शरीर 75% पानी से बना होता है तो आखिर यह   पानी हमारे शरीर में होता कहां है हमारे शरीर के सभी  अंगों में पानी मौजूद है हमारे दिल और लगभग 75% पानी   से बने हैं हमारे फेफड़े में भी लगभग 86% पानी है  और हमारे शरीर में सबसे ज्यादा पानी हमारी कोशिकाओं   में मौजूद होता है जो यह हड्डियां हमें सुखी सुखी  नजर आती है उनके अंदर भी 31% पानी होता है यानी की   हमारे शरीर के प्रत्येक अंग में पानी मौजूद है हमारे  शरीर के सभी अंगों को सही तरीके से कम करने के लिए   पानी की जरूरत पड़ती है फिर बूथ वीकेएसयू ने अपने  सभी शिष्यों से कहा की हम खाए बिना जीवित रह सकते   हैं लेकिन पानी पिए बिना हम एक दिन भी जीवित नहीं  रह सकते पानी हमारे शरीर से पसीने पेशाब वी मल के   रूप में निरंतर बाहर निकलता रहता है जिसे वापस हमारे  शरीर में इकट्ठा करना बहुत ही जरूरी है पानी हमारे   शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है पानी हमारे शरीर  से जहरीले पदार्थ को बाहर निकलता है और त्वचा को   साफ करता है वो विभिन्न प्रकार की बीमारियों को जड़  से खत्म करता है और हमारे शरीर के सभी अंगों को ठीक   तरह से कम करने में मदद करता है हम चाहे कितना ही  भोजन क्यों ना कर ले लेकिन इसका फायदा हमारे शरीर   को तभी होगा जब हम पानी पीने का सही तरीका जान लेंगे  इसीलिए हमें इससे जुड़े सभी नियमों के बारे में पता   होना जरूरी है क्योंकि पानी पीने का तरीका पानी पीने  का समय पानी पीने की मात्रा सभी का हमारे शरीर पर   अच्छा हुआ बुरा प्रभाव पड़ता है अगर हम पानी पीने  में लापरवाही करते हैं या फिर पानी को गलत तरीके से   पीते हैं तो हमारे शरीर के अंदर विभिन्न प्रकार की  बीमारियां हो सकती है जैसे जोड़ों का दर्द चरम रोग   मोटापा गंजापन बहुत सारी बीमारियां हो सकती है और यह  सभी गलतियां हमसे जाने अनजाने में होती है क्योंकि   हमें यह पता ही है की हमें पानी को कैसे पीना है  और जो व्यक्ति पानी को अपने जीवन में सही तरीके से   पीने की आदत दल लेता है वो हर मौसम में स्वस्थ बनी  रोगी रहता है उसकी आंखें हड्डियां त्वचा लंबे समय तक   जवान बनी रहती है और उसकी त्वचा पर हमेशा निखार रहता  है और हम पानी पीने का सही तरीका अपनाकर बहुत सारी   बीमारियों को ठीक कर सकते हैं अगर हमारे शरीर के  अंदर पानी की कमी है तो हमारे पेशाब का रंग पिलायेगा   हमारी त्वचा सुखी सुखी हो जाएगी अगर हमने पानी पीने  के सही तरीके पर ध्यान नहीं दिया तो फिर आने वाले   भविष्य में हमें गंभीर बीमारियां हो सकती है फिर बूथ  विकसित अपने सभी शिष्यों से कहते हैं की पानी पीने   के ये नियम बहुत आसान है लेकिन इनके फायदे बहुत  अद्भुत है अब मैं तुम्हें बताता हूं की हमें पूरे   दिन में कितना पानी पीना चाहिए और कैसे पानी पीना  चाहिए हमें अगले दिन में दो से तीन लीटर पानी पीना   चाहिए पानी पीने की मात्रा हमारे कार्य पर भी निर्भर  हो सकती है क्योंकि जो लोग शारीरिक मेहनत करते हैं   उनको पाने की ज्यादा आवश्यकता होती है क्योंकि उनके  शरीर से पानी पसीने के रूप में बाहर निकल जाता है और   जो लोग दिन भर बैठे रहते हैं उनको पानी की ज्यादा  आवश्यकता नहीं होती है हमें गर्मियों में पानी की   ज्यादा आवश्यकता होती है वह सर्दियों में पानी की  आवश्यकता हमें कम होती है इसीलिए पानी हमें सीमित   मात्रा में ही पीना चाहिए क्योंकि जरूरत से ज्यादा  पानी पीने से हमारे शरीर को नुकसान होता है जरूरत   से ज्यादा पानी से हमारी किडनी उसे साफ नहीं कर  पाती है और पानी हमारे शरीर में इस्तेमाल [संगीत] जो तेजी से हमारे शरीर के अंदर प्रवेश करता है और  वो पानी हमारे शरीर में बिना उपयोग हुए ही पेशाब   के रूप में बाहर निकल जाता है और फिर उसे पानी  का उपयोग हमारा शरीर नहीं ले पता है इसीलिए हमें   हमेशा पानी बैठकर ही पीना चाहिए और पानी को गुड गुड  करके पीना चाहिए और जब पानी हमारे मुंह के अंदर रहे   तो उसे चारों तरफ मुंह के अंदर ही घुमाए और फिर उसे  अपने गले से नीचे उतारे क्योंकि ऐसा करने से हमारे   मुंह के अंदर जो लार होती है उसमें सारी होता है और  जब हम घूंट-कूट करके पानी पीते हैं तो थोड़ी-थोड़ी   लार हमारे पेट के अंदर पहुंच जाती है और यह सारी  लाल हमारे पेट के अंदर जाकर उसे अमल को नष्ट कर   देती है जिससे हमें कब जैसी शिकायत नहीं रहती है  और इससे हमारे पेट की जलन शांत हो जाती है और जब   हमारे पेट के अंदर अमलता नहीं रहती है तो हमारे रक्त  में भी अमलता नहीं रहती है जिससे पूरा शरीर बहुत सी   बीमारियों से बच जाता है फिर बूथ वीकेएसयू एक कबूतर  की तरफ इशारा करते हैं और अपने सभी शिष्यों से कहते   हैं की देखो उसे कबूतर की तरफ वो कैसे पानी पी रहा  है वो भी गुड गुड करके पानी पी रहा है यानी की यह   प्रकृति करके पानी पीने का संकेत देती है तुमने देखा  होगा की एक कुत्ता शेर बिल्ली सभी जानवर भी पानी को   चैट कर पीते हैं सभी जानवर वी पक्षी कभी भी एक साथ  पानी नहीं पीते वो हमेशा पानी को घुट घुट करके ही   पीते हैं फिर बूथ वीकेएसयू अपने सभी शिष्यों से कहते  हैं की दूसरी बात ध्यान रखने की यह है की जब हम भोजन   करते हैं तो भोजन करने के तुरंत बाद हमें पानी नहीं  पीना चाहिए क्योंकि भोजन करने के तुरंत बाद पानी   पीने का मतलब है की जहर को पीना जब भी हम भोजन करते  हैं तो वह भोजन हमारे शरीर के अंदर जातर में यानी   की अमाशी में जाकर एक जगह इकट्ठा हो जाता है और जब  यह खाना सेटर में पहुंचता है तो उसे खाने को पचाने   के लिए जातर से अमल निकलता है जैसे हम jateragini  भी कहते हैं और यही जाता रागनी हमारे खाने को पचाने   का कम करती है और वहीं अगर हम खाना खाने के तुरंत  बाद पानी पी लेते हैं तो वो पानी हमारी जातर अग्नि   को शांत कर देता है वो पानी अमल में ghulkar पतला हो  जाता है जैसे उसके कार्य करने की क्षमता कम हो जाती   है जैसे हमारा खाना पछता ही नहीं है और पेट में पड़ा  पड़ा सरता रहता है और फिर यह सदा हुआ खाना हमारे   शरीर के अंदर बहुत सारा जहर पैदा कर देता है इससे  हमें कब्ज मोटापा पेट में जलन जैसी बीमारियां हो   जाती है और कब तो सभी बीमारियों की जड़ है [संगीत]  तो गुरुदेव हमें खाना खाने के बाद कब तक पानी नहीं   पीना चाहिए बहुत बिगु बोले हमें खाना खाने की घंटे  तक पानी नहीं पीना चाहिए क्योंकि खाना खाने की एक   घंटे तक सेटर रखने की प्रक्रिया चलती रहती है फिर  उसे पूछा की गुरुदेव क्या हम खाना खाने से पहले पानी   पी सकते हान तुम खाना खाने से एक घंटे पहले पानी  पी सकते हो यदि तुम्हारा भोजन सूखा है तो तुम एक   दो घुट पानी खाना खाने से पहले भी पी सकते हो लेकिन  पेट भर कर पानी कभी नहीं पीना है बोल भिक्षु की बात   सुनकर उनमें से एक शीशे ने फिर से सवाल पूछा की  गुरुदेव खाना खाने के बाद हम पानी तो नहीं पी सकते   लेकिन क्या हम उसकी जगह कुछ और पी सकते हैं की हान  हम खाना खाने के बाद दूध दही खट्टे फलों का रस मत्था   पी सकते हैं और खाना खाने के बाद यह खट्टे पदार्थ  पीने से हमारे भोजन को अच्छे से पचने में सहायता भी   मिलती है जब हम सुबह का खाना खाते हैं तो उसके बाद  हमें खट्टे फलों का रस लेना चाहिए और कपूर का खाना   खाते हैं तो हमें खाना खाने के पक्ष दही की लस्सी  लेनी चाहिए और जब हम रात को भोजन करते हैं तो उसको   खाने के बाद हमें दूध लेना चाहिए ये हमारे लिए बहुत  ही फायदेमंद है ये हमारी पाचन प्रक्रिया को सुचारु   रूप से रखता है फिर बोध भिक्षु ने अपने सभी शिष्यों  से कहा की तीसरी बात ध्यान रखने की यह है की हमें   चाहे कितनी भी प्यास क्यों ना लगे हमें ठंडा पानी  बिल्कुल नहीं पीना चाहिए बूथ viksho की ये बात सुनकर   उनमें से एक से बोला की ऐसा क्यों गुरुदेव तो बहुत  वीकेएसयू बोले की हमारा शरीर अंदर से गर्म होता है   ठंडा पानी हम पी लेते हैं तो हमारे शरीर को उसे ठंडे  पानी को शरीर के तापमान तक लाने के लिए अपनी बहुत   सारी ऊर्जा नष्ट करनी पड़ती है जिसे हमें आलसाने  लगते हैं हम बहुत ज्यादा ठंडा पानी पी लेते हैं   तो हमारे शरीर के अंदर के तापमान में बदलाव आना शुरू  हो जाता है जो हमारे शरीर के संतुलन को बिगाड़ देता   है और फिर हमें सर्दी खासी जुकाम जैसी बीमारियां  हो जाती है अगर किसी कमजोरी बीमार व्यक्ति ने बहुत   ज्यादा ठंडा पानी पी लिया तो उसकी मृत्यु भी हो सकती  है बहुत ज्यादा ठंडा पानी पेट को ठंडा कर देता है और   पेट ठंडा होते ही हमारा हृदय ठंडा हो जाता है और  हार्दिक ठंडा होते ही हमारा मस्तिष्क ठंडा हो जाता   है और मस्तिष्क के ठंडे होते ही हमारा पूरा शरीर  ठंडा हो जाता है और जब शरीर ठंडा हो जाता है तो   इंसान की मृत्यु हो जाती है इसीलिए हमें सर्दियों  में पानी को हल्का गर्म करके ही पीना चाहिए या फिर   पानी को धूप में लेना चाहिए वहीं गर्मियों में हमें  मिट्टी के घड़े का उपयोग करना चाहिए क्योंकि हमारा   शरीर अंदर से गर्म रहता है और जब हमारे शरीर को  हल्का गर्म पानी मिलता है तो वो उसे पानी को आसानी   से ग्रहण कर लेता है फिर बौद्ध भिक्षु ने अपने सभी  शिष्यों से कहा की ज्योति बात ध्यान रखने की यह है   की सुबह उठाते ही हमें सबसे पहले बसी मुंह खाली पेट  पानी पीना चाहिए हमारा शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना   है जिसमें पानी भी एक महत्वपूर्ण है बसी मुंह की जो  लार होती है वह हमारे शरीर में अमृत का कम करती है   लेकिन आजकल लोग क्या करते हैं हम सुबह उठकर कुल्ला  कर लेते हैं जैसे हमारी यह लार समाप्त हो जाती है   जिस लाड से हमें फायदा होने वाला था उसे लाल को तो  हमने ऐसे ही बाहर निकल दिया फिर बूथ वीकेएसयू कहते   हैं की हमारी लात दवाई का कम करती है आपने देखा  होगा की बचपन में जब हमारी अंगुली में लग जाती थी   है तो हम उसे मुंह में ढाबा लेते द और ऐसा करने से  उसमें खून आना बंद हो जाता था और यह इसलिए होता था   क्योंकि हमारी लार उसे गांव पर लग जाती थी और खून  के बहाव को रोक देती थी जब एक जानवर को कहीं लग   जाती है तो वह भी अपने घाव को चटाता है जिससे उसका  गांव ठीक हो जाता है क्योंकि हमारी जो लार होती है   वो एक दावा का कम करती है बसी मुखी जब लार हमारे  पेट के अंदर जाती है तो यह हमारे खाने को अच्छे   से पचती है हम सुबह उठकर बसी मुंह पानी पीते हैं तो  हमारी यह बसी मुंह की लाल हमारे पेट के अंदर जाती   है जैसे की हमारा पेट एकदम साफ हो जाता है और स्वस्थ  रहता है और अगर हमारा पेट स्वस्थ है तो हम भी समझते   आयुर्वेद यह कहता है की हर इंसान का पेट स्वस्थ  होना चाहिए हमारा पेट ही सभी बीमारियों की जननी है   और वहीं अगर हमारा पेट खराब रहता है तो हमें विभिन्न  प्रकार की बीमारियां हो जाती है बसी मुंह पानी पीने   की हमारा वजन कम होता है और पेट में जमी हुई चर्बी  समाप्त हो जाती है फिर बौद्ध भिक्षु ने अपने शिशु   से कहा की पांचवी बाद जो ध्यान रखने की है वो ये है  की रात को जब भी हमारी आंख खुले हमें उसे समय पानी   नहीं पीना चाहिए और सोने से ठीक पहले भी हमें पानी  नहीं पीना चाहिए हमें पानी सोने से आधे घंटे पूर्व   ही पी लेना चाहिए क्योंकि रात को जब हम पानी पी के  सोते हैं तो उसे पानी को हमारा शरीर उपयोग में नहीं   लेता है क्योंकि सोते समय हमारा शरीर जागृत नहीं  रहता है और वो पानी बिना उपयोग लिए सीधा पेशाब के   रूप में हमारे शरीर से बाहर निकल जाता है जैसे हमें  रात को बार-बार पेशाब लगती है जिससे हमारी नींद में   बदल उत्पन्न होती है दिन के समय हमारे शरीर के  लिए पानी ज्यादा फायदेमंद होता है और रात के समय   नुकसान दायक होता है इसीलिए जितना हो सके उतना  ही दिन में पानी पी लेना चाहिए फिर बोध viksok   कहते हैं की हमें पानी पीने में एक घंटे का अंतराल  रखना चाहिए क्योंकि बार-बार पानी पीने से पानी हमारे   शरीर में उपयोग हुए बिना ही पेशाब के रूप में बाहर  निकल जाता है फिर बौद्ध भिक्षु कहते हैं की हमें   पेशाब करने के तुरंत बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए  और फलवा खट्टी चीज खाने के बाद भी हमें पानी नहीं   पीना चाहिए फिर बोध भिक्षु ने अपने सभी शिष्यों  से कहा की अगर तुमने आयुर्वेद के इन पानी पीने के   सही त्रिकोण को जान लिया तो तुम्हें पूरे जीवन में  कभी भी कोई बीमारी नहीं होगी और तुम हमेशा निरोगी रहोगे इस वीडियो में बस इतना ही मिलते हैं अगले वीडियो में एक और नए टॉपिक के साथ थैंक्स फॉर वाचिंग प्लीज सब्सक्राइब rajib inspired चैनल

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